न मन्त्रं नो यन्त्रं--- यथा योग्यं तथा कुरु।
-शंकराचार्य (देव्यपराधक्षमापन स्त्रोत्रम )
आचार्य शंकर के मंतव्य और अर्थ से परे किंचित भ्रांतियों को तोड़ने में सक्षम इन शब्दों का अर्थ मैने अपने लिए यह गढ़ा कि ---
मेरे पास न तो कोई मंत्र है नही कोई यंत्र !
यह भी कि ---
जो उचित है/लगे वह करो !
क्षम्यताम् आचार्य !
…अलख निरंजन
-शंकराचार्य (देव्यपराधक्षमापन स्त्रोत्रम )
आचार्य शंकर के मंतव्य और अर्थ से परे किंचित भ्रांतियों को तोड़ने में सक्षम इन शब्दों का अर्थ मैने अपने लिए यह गढ़ा कि ---
मेरे पास न तो कोई मंत्र है नही कोई यंत्र !
यह भी कि ---
जो उचित है/लगे वह करो !
क्षम्यताम् आचार्य !
…अलख निरंजन